Saturday, February 5, 2011

साहित्य और मीडिया जगत के लिए आकर्षण बना नर्मदा कुंभ

 देश-दुनिया के लाखों लोग नर्मदा की तीर्थनगरी मंडला में डेरा डालना शुरू कर दिया हैं। इनमें बहुत से ऐसे हैं जो विशिष्ट निगाह से नर्मदा कुंभ को देखने समझने और परखने के लिए आए हैं। कोई अपनी कहानी का विषय खोजने आया है तो कोई कुंभ की डाक्यूमेंट्री बनाने। कुछ विशुद्ध घुमक्कड़ नजरिये से आए हैं। ऐसे लोग वीकली पैकेज बनाकर मंडला में डेरा डाल चुके हैं।
      यों तो कुंभ में स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु मंडला पहुंच रहे हैं। ये लोग आएंगे स्नान करेंगे और वापस लौट जाएंगे। ऐसे में इन लोगों का आना जाना महज दो-तीन दिन के लिए ही होगालेकिन शहर में हजारों की तादाद में ऐसे लोग हैंजो पूरे हफ्ते का प्लान बनाकर यहां ठहरे हैं। इन लोगों का मकसद केवल नर्मदा  में डुबकी भर लगाना नहीं है। यह वे लोग हैंजो कुंभ को करीब से देखने आए हैं। उसके धार्मिकऐतिहासिकपौराणिक और आध्यात्मिक पक्ष को समझने आए हैं। इसके अलावा ऐसे लोग भी हैंजो लोग भीड़ में से किसी चेहरे को पकड़ कर उसे अपनी कहानी का हिस्सा बनाने का प्रयास करेंगे। साहित्यकार पत्रकार शिक्षाविद डाक्यूमेंट्री मेकर ,इसी तरह से विशिष्ट क्षेत्र में काम करने वाले हजारों लोग मौजूद हैं जो पूरे कुंभ क्षेत्र में घूम कर अपने मकसद की तलाश में लगे हुए हैं।

Wednesday, February 2, 2011

बीस हजार लोगों का खाना बीस मिनट में












माँ नर्मदा सामाजिक महाकुम्भ में लगभग २० लाख श्रद्द्धालुओं के पहुचने की संभावना है| इनके भोजन के लिए व्यापक तैयारियां क़ि जा रही हैं| जानकारी के मुताबिक गुजरात से विशेष रसोइये मंडला आ रहे हैं जो लगभग २० मिनिट में करीब २० हजार लोगों का भोजन तैयार करेंगे|
गुजरात से ६०० रसोइयों क़ि भरी-भरकम टीम शीघ्र मंडला पहुच रही है| भोजन बनाने के लिए हर अस्थायी महानगर में रसोई का निर्माण कराया जा रहा है| इन रसोईघरों में बड़ी -बड़ी भट्टियों का निर्माण हो चुका है| भोजन निर्माण के ठेकेदार राजू भाई जीतू भाई ने बताया क़ि २० ट्रक बर्तन गुजरात से मंडला के लिया रवाना हो चुके हैं जो तीन चार फ़रवरी तक आयोजन स्थल पे पहुच जायेंगे| २० मिनिट में २० हजार लोगों के लिए भोजन तैयार करने में १५ भट्टियों पर बड़े- बड़े काढाव और गंजों में दल-चावल और सब्जी पकाई जाएगी जो २० मिनिट में पककर तैयार हो जाएगी| जानकारी के मुताबिक ६ अस्थाई महानगरों में ९० विशेष भट्टियों का निर्माण किया गया है|
सौजन्य से : नई दुनिया