Friday, January 28, 2011

नर्मदा कुंभ का होगा निराला आगाज
















माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ में देशभर से संत, महात्माओ  एवं प्रबुद्धजनो के अलावा लगभग तीस लाख लोगों के आने की संभावना है। इसकी सुचारू  व्यवस्था के लिये हजारों कार्यकर्ता कुंभ में  आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की व्यवस्था में लगे है । विगत 12,13 व 14 नवम्बर को मंडला में कुंभ के संचालन हेतु लगभग पांच हजार कार्यकर्ताओं को व्यवस्था संम्बधी प्रशिक्षण दिया गया। इस कुंभ में सहभागिता हेतु बड़ी संख्या में साधु संतों के अपनी शिष्य मंडली सहित आगमन की सहमति प्राप्त हो रही है।जनजागृति के लिए मां नर्मदा के 30 लाख चित्र घर-घर स्थापित किये गए है। 
संपूर्ण कुंभ को मंडला महारानी दुर्गावती का नाम दिया गया है। संपूर्ण विशाल परिसर के चार भव्य प्रवेश द्वार रहेंगे। तीन बड़े मंडप-स्वामी लक्ष्मणानंदजी के नाम पर, महिलओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर और युवाओं के लिए हनुमान जी के नाम पर बनाए जाएंगे। मंडला के समीप महाराजपुर के पास कुल 3500 एकड भू क्षेत्र पर कुल 50 नगर बनेंगे। प्रत्येक नगर में 5 हजार लोगों के रहने, भोजन आदि की व्यवस्था रहेगी। 


रानीदुर्गावती पुरम
मंडला में नर्मदा के तट पर 3500 एकड़ में रानी दुर्गावती पुरम का निर्माण किया जा रहा है। इसमें सर्वप्रथम मुख्य सभा मंडप केरी कोन टापू पर बनाया जा रहा है। जिसमें 4 मंच होंगे तथा यह मंडप लगभग 6 लाख वर्ग फुट जथा इसकी बैठक क्षमता एक लाख व्यक्तियों कि होगीं। इस अतिरिक्त दो अन्य सभा मंडप युवाओं व महिलाओं के सम्मेलन के लिये बनेगे  जिनकी क्षमता 1500 व्यक्तियों की होगी। इसके साथ सम्पूर्ण देश से आनेवाले श्रद्धालुओं के लिये 50 नगरों का निर्माण किया जा रहा हैं प्रत्येक नगर की क्षमता पॉच हजार व्यक्तियों के आवास की होगी तथा इन आवासीय नगरों में पेयजल, शौचालय, मोबाईल चार्जिग, कपड़े सुखाने की व्यवस्था, भजन के लिये मंच तथा प्रत्येक नगर में व्यवस्था व सुविधा के लिये प्रबंधकर्ता , स्वच्छता प्रभारी, बिजली प्रभारी, ध्वनिप्रभारी, सुरक्षा प्रभारी, के लिये कक्षों की व्यवस्था रहेगी तथा इसके साथ नगर के बाहर दैनिक उपयोगी वस्तुओं की , चाय- नाश्ता अदि के स्थाल भी रहेंगे  । 
इसके अतिरिक्त कुंभ में आये श्रद्धालुओं के लिये 10 प्रदर्शनी भी बनाई जा रही है इसमें पर्यावरण, जलसंर्वधन विज्ञान, मॉ नर्मदा जी के बारे में, रामजन्म भूमि, रीनीदुर्गावती रीनी अवन्तिबाई, विश्वमंगल गौ-ग्राम, और बलिदानी अदि  रहेंगे । कुंभ में आने वाले समस्त श्रद्धालुओं के लिये भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए  8 भोजनालयों का निर्माण किया जा रहा है तथा प्रत्येक भोजनालय की क्षमता प्रतिदिन 2 लाख व्यक्तियों की होगी तथा इसमें समस्त लोगों को भोजन बैठाकर परोसकर कराया जायेगा तथा उनके बर्तन भी धोने  की व्यवस्था समिति द्वारा की गई है। कुंभ स्थल पर पूज्यनीय सन्तों के लिये प्रथम आवास व्यवस्था की गयी तथा विशिष्ट जनो के लिये भी पृथक  से व्यवस्था की गयी है तथा इस बात का विशेष ध्यान दिया गया है इनके आवास कार्यक्रम स्थाल तथा घाट के समीप हो तथा इनके लिये प्रथम भोजनालय भी बनाया गया है। अति विशिष्टजनों के लिये विशेष प्रकार की कुटी (स्विसकाटेज) का निर्माण किया जा रहा हैं। 
कुंभ पूर्णरूप से व्यवस्थित रूप से संचालित हो इसके लिये मंडला में प्रवेश करने के लिये तीन सडके जबलपुर रोड़, रायपुर रोड़, डिण्डोररी रोड में पार्किग की व्यवस्था की गयी है इस पार्किग में छोटे व बडे़ वाहनों की पृथक व्यवस्था रखी है वाहनों के प्रवेश व अधिक वाहनों की भीड़ को देखते हुये निर्गम की सड़के अलग से रखी गई है अर्थात पार्किग में एंकाकी मार्ग व्यवस्था की गयी है छोटे बडे़ वाहन में लिये लगभग 80 एकड़  में एक पार्किग की गई  है । 
कुंभ स्थल सभी के स्वस्थ्य के लिए  रोटरी क्लब द्वारा 30 बिस्तर वाला सर्वसुविधा युक्त चिकित्सालय बनाया जा रहा है जिसमें सभी विधा  के विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे । इसमें अतिरिक्त आवासीय नगरो के पास, सभास्थल के पास घाटों के पास व अन्य स्थालों में भी चिकित्सालयों का निर्माण किया जा रहा हैं जिसमें लगभग 150 चिकित्सक व 20 एम्बुलेंस व अन्य सभी सुविधाएँ   होगी। इसके अतिरिक्त मंडला जिला चिकित्सालय  भी 24 घंटे पूर्ण सुविधा के साथ उपलब्ध रहेगा। 
रपटा पुल के तिराहे पर एक मुख्यालय तथा पूछताछ केन्द्र निर्माण किया जा रहा है तथा इसी के साथ कन्ट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है , जिसमें सभी विभाग के प्रमुख उपलब्ध रहेगे तथा वही इनका आवास भी रहेगा ।
जैसा कि विदित है कि कुंभ में महिलाये व बच्चे भी अधिक संख्या में आयेगे अतः उनकी रूचि को ध्यान में रखते हुये तीन मेले लगाये जायेगे जिसमें मनोरंजक खेल, झूले  व दुकाने होंगी । कुंभ में आये लोगों के लिये तीन छवि गुह निर्माण भी किया गया है जिनमें धर्म से संबधित प्रेरणादायक सिनेमा व रामायण व महाभारत की फिल्में दिखाई जायेगी यह व्यवस्था देर शाम के समय से प्रारम्भ होगी। कुंभ  में 10 अमानती  गृहो का भी निर्माण किया जा रहा है जिसमें श्रद्वालु अपना समान रखकर स्वंतत्र रूप से कुंभ में घूम  सकेंगे । इसके साथ 10 टेलीफोन बूथ तथा कूपन के स्थल भी लगाये जायेंगे । 
 
मीडिया को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए एक मीडिया सेन्टर का निर्माण किया जा रहा है जिसमे सभी प्रकार की अत्याधुनिक  संचार व्यवस्थाये उपलब्ध रहेंगी  तथा उसी के पास पत्रकार बन्धुओं के लिये आवास व्यवस्था भी होगी।
अति विशिष्ट अतिथितियों के लिये जो वायु मार्गा से आएंगे , उनके लिये हेलीपेड का निर्माण भी किया गया है। मंडला से जुडने वाली तीनों प्रमुख रोड जबलपुर डिंडौरी, रायपुर रोड़ में भव्य प्रवेश द्वार भी बनाये जा रहे है।
इसके अतिरिक्त कुंभी स्थलों में जगह-जगह पर पेयजल, शौचालय, सहायता केन्द्र, अपदा प्रबंधन  व्यवस्थाये जैसे, एम्बुलेन्स, जे.सी. बी. मशीन , क्रेन, फायर ब्रिगेड आदि के लिये भी समुचित स्थान रखा गया है। इसके अलावा सभी आवासीय नगरो के बाहर, पार्किग स्थाल, मेला, छविगृह, घाटो व अन्य जगह पर  स्टाले रहेंगी  जिसमें चाय, नास्ता , दैनिक उपयोग कि वस्तुये, नारियल अगरबती व अन्य प्रकार की  दुकाने श्रद्वालुओं की सुविधिओं को  ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। 
इसी प्रकार कुंभ में पधारे सभी श्रद्वालुओं के रास्तों में दिशा निर्देश, दिशा चिन्ह, नगरों की दिशाये और  रास्तों में मानचित्र, भी लगाये जा रहे है  तथा सभी की छोटी-छोटी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये इस प्रकार कार्य योजना बनाई जा रही है जिसमे किसी  को कठिनाई न हो। जैसे सभी 50 आवासीय नगरो का  महानगर में विभाजन, एकांकी मार्ग वाहनों का प्रवेश वर्जित तथा सभी जगह ध्वनि विस्तारक यंत्रों आदि की व्यवस्था की गई है।

आकर्षक प्रदर्शनियां 
मां नर्मदा सामाजिक कुंभ के दौरान रानी दुर्गावती, माहराणा प्रताप, पर्यावरण एवं मां नर्मदा,सिख गुरूपुत्रों की बलिदान गाथा, राष्ट्रीय एकता और विधर्मियों के कुटिल हथकंडे, विश्व मंगल गोमाता, जल संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा और राम मंदिर केन्द्रित 10 से अधिक प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी। आयोजकों ने इस सामाजिक कंुभ को समाज के अंतिम व्यक्ति तक ले जाने का निर्णय किया है।
इस सामाजिक कुंभ में देश के प्रख्यात संत-महात्मा और महापुरूषों का सान्निध्य मिलेगा,वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई अ.भा. अधिकारी एवं स्वयंसेवक विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

प्रमुख उपस्थिति
इस सामाजिक आयोजनद में मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहनराव भागवत, सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी, निवर्तमान सरसंघचालक श्री कुप्.सी.सुदर्शन,सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी व श्री दत्तत्रेय होसबले, श्री गोविंदगिरी महाराज (आचार्य किशोर जी व्यास), जगद्गुरू शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर श्री वासुदेवानंद सरस्वती, दीदी मां ऋतंभरा, भारत माता मंदिर के संस्थापक स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि, आचार्य महामंडलेश्वर श्यामदास जी महाराज जबलपुर, अखिलेश्वरानंदजी-जबलपुर, श्री विजयकौशल जी-वृन्दावन, म.म. हरिहरानंदजी-अमरकंटक, आचार्य म.म. सुखदेवानंद जी-अमरकंटक, शंकराचार्य श्री राजराजेश्वराश्रम-हरिद्वार, रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवानंद, साध्वी निरंजनज्योति-कानपुर, संत श्री मानदासजी-हरिद्वार, म.म. स्वामी परमानंद गिरि-हरिद्वार, स्वामी गिरीशनंद-जबलपुर, म.म. मैत्रेयगिरिजी महाराजा-मंगलोर, ऐश्वर्यानदं सरस्वती-इंदौर, रामहृदयदास-चित्रकूट,योगीआदित्यनाथ-सांसद, म.म. शन्तिवरूपानंद गिरि-उज्जैन, शंभूनाथ माहराज-गुजरात, दशनामी पंचायती महा निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख महामंडलेश्वर आचार्य सुखदेवानंद जी- अमरकंटक सहित अन्य अनेक संत मौजूद रहेंगे। विशिष्ट अतिथियों के आगमन हेतु हेंलीपेड की भी व्यवस्था की गई है।
कुंभ में यातायात व्यवस्था 
नर्मदा सामाजिक कुंभ में  पूरे देश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु नर्मदा नगर के बाहर चार मार्गो पर विशेष वाहन व्यवस्था की गई है। जबलपुर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के जिये कटरा पर विशेष बस स्टेंड 1 फरवरी से प्रारंभ किया जायेगा जो मेला समाप्ति तक चलेगा । जबलपुर रेल्वे स्टेशन के दोनो और प्लेट फार्म के बाहर विशेष सहायता केन्द्र बनाये जायेंगे। रेल से जबलपुर आने वालों के लिये प्लेट फार्म क्रमांक 1 के निकनट पशुचिकित्सा महाविद्यालय के प्रांगण से मंडला के लिये विशेष बसें निरंतर उपलब्ध रह्रेगी।
भोजनालय
मेला स्थल पर 8 भोजनालयों की व्यवस्था है, जिसमें दिन के लगभग 18 घंटे लगातार भोजन उपलब्ध रहेगा। 
रासलीला
मेला स्थल पर श्रद्धालुओं के लिये रासलीला का आयोजन है। रासलीला 3 फरवरी से प्रारंभ होकर 11 फरवरी तक चलती रहेगीं। कुंभ  में कवि सम्मेलन भी आयोजित होगा।

Wednesday, January 26, 2011

श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त और पुख्ता परिवहन व्यवस्था
















24 जनवरी 2011
माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ में पुण्य अर्जित करने जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बेहतर से बेहतर व्यवस्था की जा रही है । कुंभ में शामिल होने के लिए रेल मार्ग से जबलपुर आनेवाले श्रद्धालुओं की सुविधा की दृष्टि से रेल्वे स्टेशन के बाहर प्लेट फार्म क्रमांक एक और चार मालगोदाम की तरफ दोनों ओर मार्ग दर्शन कक्ष और माँ नर्मदा कुंभ सूचना केन्द्र स्थापित किया गया है । जिससे यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। ट्रेन से आने वाले यात्रियों को प्लेट फार्म नम्बर एक और 4 से ही बस मण्डला के लिए मिलेगी। यहीं कुंभ यात्रियों के लिए भोजन व्यवस्था भी रहेगी।

कुंभ के लिए नैरोगेज रेल्वे लाईन पर जबलपुर से नैनपुर और बालाघाट से नैनपुर तक एक-एक अतिरिक्त ट्रेन चलाने रेल्वे प्रबंधन ने सहमति प्रदान की है। साथ ही नैनपुर से मण्डला तक जाने वाली ट्रेन की फेरे 3 से बढ़कर 5 करने पर भी सहमति दी गई है। इसके अलावा जबलपुर रेल जोन से चलने वाली ट्रेनों में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त कोच लगाने पर भी डी.आर.एम.ने रजामन्दी व्यक्त की है।
देश के अन्य राज्यों और क्षेत्रों से आने वाले अधिकांश श्रद्धालुओं को जबलपुर से होकर मण्डला जाने की संभावना को देखते हुए बसों की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए रीवा और सागर संभाग के जिलो से भी बसों की व्यवस्था की जायेगी।
जबलपुर से मण्डला जाने वाले कुंभ यात्रियों के लिए 400 बसे, नरसिहपुर, कटनी और बालाघाट से 25-25 बसें, नैनपुर से मण्डला, उमरिया व अनूपपुर से मण्डला, सिवनी से मण्डला तथा छिंदवाड़ा से मण्डला के लिए क्रमश: 50-50 बसों की सुविधा उपलब्ध रहेगी। सभी बसों का नम्बरीकरण होगा और हर बस की पहचान उसके नम्बर विशेष से होगी। यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए बसों में किराया सूची की दर भी चस्पा कराई जायेगी।

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Saturday, January 22, 2011

नर्मदा सामाजिक कुंभ पर मीडिया के महाकुम्भ की तैयारी

मंडला /जबलपुर 22   जनवरी

10, 11, 12  फरवरी  को  होने वाले माँ नर्मदा सामाजिक  कुंभ की तैयारियाँ जोर पकड़ चुकी हैं। कुंभ स्थल पर मीडिया सेंटर भी कायम किया गया  है। मीडिया कव्हरेज के लिए संचार की जरूरी सुविधाएं इस सेंटर पर जुटाई जा रही है। माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ समिति  ने  कुंभ स्थल  में एक उपयुक्त स्थान पर मीडिया सेंटर भी स्तापित किया है। इसके लिए पर्याप्त आकार का एक पृथक कक्ष बनाया  गया  है। मीडिया सेंटर पर सूचना संप्रेषण संचार की वाजिब और जरूरी सहूलियतें जुटाई जा रही है।
 कुम्भ मेले के कवरेज हेतु आने वाले पत्रकारों को समाचार प्रेषण में कोई असुविधा ना हो इसके लिए माँ नर्मदा सामाजिक कुम्भ समिति  ने  मेले में स्थापित मीडिया सेंन्टर को आधुनिक उपकरण से  सुसज्जीत करने के साथ ही यहॉ पर सभी आवश्यक व्यवस्थाऐं सुनिश्चित की है ।
पहली बार कुम्भ मेला में मीडियाकर्मियों के लिये बड़े पैमाने पर व्यवस्थाएं की जा रही  हैं मंडला के कुम्भ स्थल  के निकट २४ घंटे खुला मीडिया सेंटर बनाया गया है, जहाँ मुफ्त उपलब्ध  ब्रॉडबैंड इन्टरनेट कनेक्शन,  फैक्स,  कलर तथा ब्लैक एंड व्हाइट फोटोस्टेट मशीनें और  स्कैनर्स, अति आधुनिक रिकार्डिंग , नॉन लीनियर एडिटिंग  और सैटलाइट अपलिंकिंग की सुविधायुक्त स्टूडियो,  वाहनों की मुफ्त पार्किंग, पत्रकारों हेतु मुफ्त रिहाइश तथा अत्यंत किफायती दामों पर नाश्ता, भोजन, चाय, काफी तथा पेय पदार्थ की व्यवस्था की गई है ।     

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Friday, January 21, 2011

राष्ट्रीय एकता को बल प्रदान करेगा नर्मदा कुंभ


शैलेन्द्र सिंह
२२ फरवरी २०११

आगामी 10, 11 एवं 12 फरवरी 2011 को मध्यप्रदेश का पहला महाकुंभ पतित पावनी मॉ नर्मदा के पावन तट पर मंडला में होने जा रहा है  । माँ नर्मदा सामाजिक कुंभ की कल्पना राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरस्ता को बल प्रदान करेगी। अनेक उददेश्यों से सामाजिक महाकुंभ के लिये मॉ रेवा के तट पर बसा मंडला चिन्हित किया गया है। मंडला जिले का अपना धार्मिक महत्व तो हैं ही इसका ऐतिहासिक महत्व भी कम नही हैं। 
प्रकृति से गहरा लगाव रखने वाली इस क्षेत्र की बहुल्यता वाली जनजातियां विकास के वह आयाम तय नही कर पाई है, जो किया जाना चाहिए था। इन्हे विकास की मुख्य धारा से जोडऩे के लिये भी यह सामाजिक कुंभ सहायक  सिद्ध होगा। अब तक भोले-भाले आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित कर,उनकी भावनाओं का शोषण किया जाता  रहा है। जिस पर अंकुश लगाने के लिये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा अभियान चलाया जा रहा  है।

 वर्ष 2011 के फरवरी माह की 10, 11 और 12 तारीख को आयोजित होने वाले इस महाकुंभ में तीस लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है जो प्रदेश सहित देश-विदेश के विभिन्न कोनों से धर्म नगरी मंडला में आकर मॉ नर्मदा का दर्शन लाभ ले पुण्य सलिला मॉ नर्मदा में स्नान कर महाकुंभ में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। महाकुंभ में आने वाली श्रृध्दालुओं की विशाल संख्या को व्यवस्था  प्रदान करने के लिये मां नर्मदा सामाजिक कुंभ की आयोजन समिति हर बिन्दु पर विचार कर व्यवस्थायें जुटाने में लगी हुई है। पिछले समय में गुजरात प्रांत में सम्पन्न हुआ सबरी महाकुंभ बेहतर परिणामकारी रहा है और उसी की प्रेरणा से मध्यप्रदेश में मां नर्मदा के तट पर बसे  मंडला जिले  में भी सामाजिक कुंभ का आयोजन हो रहा है । 

धार्मिक महत्व 

 पुण्य सलिला मां नर्मदा के पावन तट पर स्थित मंडला धार्मिक महत्व वाली नगरी है। मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से कुछ ही दूरी पर स्थित और जबलपुर संभाग से महज 100 किलोमीटर की दूरी पर यह ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाली नगरी मंडला आदि शंकराचार्य के गुरू गौद्पादाचार्य की तपोभूमि कहलाती है। यही पर मंडन मिश्र जैसे विद्वान रहते थे। मंडला उनकी जन्म भूमि और कर्म भमि रही है। आदि शंकराचार्य ने इसी स्थान पर मंडन मिश्र के साथ शास्त्रार्थ किया था। नर्मदा का महत्व गंगा से कम नही है, यहां तक की गंगा दशहरा के दिन मान्यता है कि गंगा नर्मदा मे डुबकी लगाने आती है।  नर्मदा का जल औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। अन्य पवित्र नदियों में स्नान का महत्व बताया गया है, जबकि नर्मदा के दर्शन और स्मरण मात्र से पापों का क्षय होने की बात धार्मिक ग्रंथ कहते है। 

मंडला का ऐतिहासिक महत्व
 गौंडवाना की महारानी दुर्गावती, शहीद शंकर शाह, रघुनाथ शाह की वीरता वाली मंडला की भूमिं स्वतंत्रता को अक्षुण बनाये रखने के लिये अपनी कुर्बानियों के लिये जाना जाता है। यहां मुगल बादशाहो ने आदिवासियों के रण कौशल के समक्ष हमेशा घुटने टेके हैं। स्वतंत्रता की मशाल हमेशा जागृत रखने वाला यह क्षेत्र स्वतंत्रता संग्राम में भी अपना लोहा मनवाते रहा है। इतिहास में इस क्षेत्र का अपना अलग ही महत्व है।  वीरता के साथ ही इस क्षेत्र की जनता सीधी-सादी, भोली-भाली रही है। जिसे लड़कर जीतना असान नही था उसे छल कपट पूर्वक सेवा के नाम पर गुमराह किया जाता रहा है। इस क्षेत्र मे धर्मान्तरण कर उन्हे गुमराह किया गया। और उन्हे राष्ट्र की मुख्य धारा से काटने का कुचक्र किया गया। आजादी के पूर्व भी ऐसे कुचक्रो के विरोध मे आवाज उठते रही है। 

  मंडला में सामाजिक कुभ आयोजित करने का यह भी एक कारण है इस क्षेत्र मे ईसाई मिशनरियां बडे पैमाने पर कार्य कर रही है। धर्मान्तरण के अतिरिक्त आदिवासी समाज के साथ घिनौना षडय़ंत्र भी हो रहा है। आज हजारों की संख्या में आदिवासी अंचलो से युवतियां गायब हुई है, जिनकी कोई खोज खबर भी नही है। पिछले वर्षो मे इस प्रकार की घटनाऐं अखबारों की सुर्खिया भी बनी थी। आदिवासी समाज को देश की विभिन्न संस्कृतियों से परिचित कराना और देश के अनेक हिस्सों को इस क्षेत्र के इतिहास ,धार्मिक महत्व एवं प्रकृति के लगाव के साथ जीवन यापन करने वाली भोली-भाली जनता को उनकी संस्कृति से परिचय कराने का भी मां नर्मदा सामाजिक कुं भ मण्डला का आयोजन एक उद्देश माना जा रहा है।

Wednesday, January 19, 2011

नर्मदा कुम्भ के लिए अन्नदान अभियान

जबलपुर ।18 जनवरी 





10 फरवरी से मंडला में शुरू हो रहे मां नर्मदा सामाजिक कुंभ के लिये जन-जागरण अभियान जोरो से चल रहा है। इस कुंभ का उद्देश्य भी सामाजिक समरसता पैदा करना है। महानगर में 1.80 लाख हिन्दू परिवार रहते हैं, सभी के घरों पर संघ कार्यकर्ता एक पन्नी और आमंत्रण पत्र देकर आयें जिसमें 1 किलो चावल, आधा किलो दाल और एक रुपया रख लोगों ने इस कुम्भ के लिए अपना सहयोग प्रदान किया   । 16 जनवरी को कार्यकर्ता प्रत्येक घर जाकर इन पन्नियों को एकत्र किया । जो चावल-दाल एकत्र हुए , उसे मंडला कुंभ भेज दिया गया है । 17 जनवरी को सुबह 10 बजे रानीताल स्टेडियम से विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने ट्रकों को रवाना किया ।

Tuesday, January 18, 2011

नर्मदा कुंभ से समग्र हिंदू समाज शक्तिशाली होगाः सिंघल

जबलपुर, दिनांक 18 जनवरी 2011



राजनीतिक स्वार्थ के लिए हिंदू समाज को विभिन्न जाति, पंथ, भाषा, बिरादरी के नाम पर बांटने वाले राजनैतिक नेता और उनके दलों का प्रयास असफल करते हुए मां नर्मदा सामाजिक कुंभ के माध्यम से सारा हिंदू समाज फिर से एक ताकतवर समाज के नाते खडा होगा ऐसा विश्वास विश्व हिंदू परिषद के आंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंघल ने यहां सोमवार को व्यक्त किया।
श्री सिंघल यहां रानीताल स्टेडियम पर मां नर्मदा सामाजिक कुंभ के लिए एकत्रित की अन्न सामग्री ले जाने वाले ट्रकों की रॅली को भगवा ध्वज दिखा कर समारंभपूर्वक विदा करने हेतु आयोजित भव्य कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महाकौशल प्रांत द्वारा यह संग्रह किया गया था। 1 जनवरी से 15 जनवरी तक हुए इस संपर्क तथा अनाज संग्रह कार्यक्रम में संघ के 8600 स्वयंसेवको ने जबलपूर महानगर के लगभग दो लाख् परिवारो से संपर्क स्थापित किया और हर परिवार से एक किलो चावल, आधा किलो दाल और एक रुपया कुंभ के लिए संग्रह किया था।
इसी प्रकार संपूर्ण महाकोशल क्षेत्र से छ: लाख परिवारो से संपर्क प्रस्थापित कर कुंभ के लिए अन्न सामग्री तथा धन संग्रह किया गया। यह एकत्रित साहित्य जबलपूर के रानीताल स्टेडियम में लाकर ट्रकों मे भ्रा गया और ऐसे 40 ट्रकों को श्री सिंघल के प्रमुख उपस्थिति में भगवा ण्वज दिखा कर मंडला के लिए रवाना किया गया। कुंभ में देश के विभिन्न प्रांतो से आने वाले श्रध्दालुओं को नि:शुल्क भोजन कराने हेतु यह सामग्री एकत्रित की गई।
इस कार्यक्रम में स्वामी श्यामदास महाराज, कुंभ प्रमुख आयोजक श्री अखिलेश्वरानंदजी महाराज, श्री मुकुंददास महाराज, महाकोशल प्रांत प्रचारक श्री राजकुमार मटाले, विभाग संघचालक डा कैलाश गुप्ता, महानगर संघचालक एवं अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह, प्रांत सहकार्यवाह श्री सुनील देव, डॉ जितेन्द्र जामदार, सांसद श्री राकेश सिंह, आदी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में श्री सिंघल ने कहा की देश को इसाई बनाने का षडयंत्र रचाया जा रहा है और इसका माध्यम है धर्मान्तरण का कुचक्र। इसका जब संघ ने विरोध किया और हिंदू समाज को इस खतरे के बारे मे बताने का प्रयास किया तब से संघ के खिलाफ सरकार ने दुष्प्रचार प्रारंभ किया है। अब संपूर्ण समाज को इस खतरे से अवगत कराने हेतु मां नर्मदा सामाजिक कुंभ जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
श्री सिंघल ने कहा कि हिंदुत्व का जागरण औरी सामाजिक समरसता के अभियान से धर्मान्तरण की समस्या का तो हल होगा ही साथ में इस देश को तोडने की इच्छा रखनेवाले नेताओं के मनसुबे भी परास्त होंगे। उन्होने कहा कि इसाई मिशनरीयों के पास हर साल 4000 करोड की राशि आ रही है जिसका उपयोग भोले-भाले वनवासी तथा गिरीवासी बंधुओं का धर्मान्तरण करने में होता है। देश में धर्मान्तरण की गति बढ रही है और यह भविष्य की दृष्टि से एक भ्यानक खतरा पैदा कर सकती है। अत: नर्मदा कुंभ जैसे सामाजिक समरसता का और एकात्मता का भाव दृढ करने वाले कार्यक्रमों की आवष्यकता पर श्री सिंघल ने जोर दिया।
विष्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि इस कुंभ में देष भर से 500 से अधिक बिरादरी के मुखिया और प्रतिनिधि सहभागी होंगे जो इस बात की सौगंध लेंगे की वे धर्मांतरण के विदेशी मंनसूबों को सफल नही होने देंगे।
जबलपूर से रवाना यह ट्रको का काफिला जब मंडला पहुंचा तब इसका जोषिला स्वागत किया गया। पूर्व सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते, मंडला जिला परिषद की अध्यक्षा श्रीमती संपातिया उईकें, कुभ आयोजन समिति के सचिव श्री राजेंद्र प्रसादजी, और अन्य लोगोंने अन्नपूर्णा रथ का स्वागत किया। बाद में यह काफिला मंडला के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए गोदामों तक पहुंचे। मार्ग में बिझिया, कटरा, बस स्टैंड, बडा चौराहा आदी स्थानों पर अन्नपूर्ण रथ का जोर-शोर से स्वागत किया गया। महाकोशल के अन्य जिलों से भी इसी प्रकार से अन्न् सामग्री एकत्रित कर समारोहपूर्वक ट्रकों में लाद कर मंडला भेजी जा रही है।

मां नर्मदा सामाजिक कुंभ का 70 प्रतिशत काम पूरा

मंडला, 17 जनवरी 2011








आगामी 10,11 व 12 फरवरी 2011 को संपन्न होने जा रहे मा नर्मदा सामाजिक कुंभ की तैयारियां रानी दुर्गावती परिसर में नर्मदा किनारे बडी जोर से चल रही है। कुंभ स्थान पर विभिन्न निर्माण कार्यो का आलोकन करने हेतु गये इस संवाददाता को जानकारी देते हुए मा नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिति के सचिव श्री राजेन्द्र प्रसादजी ने बताया की अभी तक 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
श्री प्रसाद ने बताया की कुंभ में आनेवाले श्रद्धालुओं के ठहरने हेतु 51 उपनगर बनाएं जा रहे है एवं इन उपनगरों को छः महानगरों मे विभाजित किया जाएगा। यह महानगर देश के महापुरुषों के नाम पर जैसे महाराणा प्रताप, छत्रापती शिवाजी महाराज, माता बम्लेश्वरी, शंकरशाह-रघुनाथशाह, महिष्मति और महाराजा छत्रासाल, इनके नामों पर बसाये जाएंगे।
इस त्रिदिवसीय सामाजिक कुंभ में देश के विभिन्न प्रदेशांे से 25 से 30 लाख श्रद्धालु जन सम्मिलित होने की संभावना है। इनके लिए छ भोजनालय बन रहे है जिसमें हरेक भोजनालय में दो लाख लोगों का भोजन बनेगा।
श्री राजेन्द्र प्रसाद ने बताया की कुंभ में सहभागी श्रद्धालुओं के लिए नर्मदा क ेजल में स्नान की सुविधा मुहैया कराने हेतु नर्मदा पर स्नान घाट बनाने का काम भी तेजी से पूरा होने जा रहा है। मंडला का एक धार्मिक, सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक महत्व रहा है। वर्तमान काल में मंडला परिसर में रहने वाले जनजाति बंधुओं को विभिन्न प्रकार की सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड रहा है। यह क्षेत्रा जहां प्राचीन काल से मंडनमिश्र जैसे विद्वानों का और विद्या का क्षेत्रा रहा है वहीं ऐतिहासिक काल में महारानी दुर्गावती के नेतृत्व में इस क्षेत्रा के लोगों ने परकीय आक्रान्ताओं से जूझ कर अपने बहादूरी का परिचय दिया है। कुंभ में संपूर्ण भारत से लाखो श्रद्धालु जाति, वर्ग वर्ण सभी भेद भुलाकर सम्मिलित होंगे। वनांचल की लोक कलाएं, लोकसंगीत तथ लोकनृत्यों का आनंद भी इस कुभ के दौरान प्राप्त होगा। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को मां नर्मदा के सान्निध्य में सामाजिक एकता और राष्ट्रभक्ति की अनुभूति भी मिलेगी।
मां नर्मदा सामाजिक कुंभ संदेश यात्रा छत्तीसगढ, महाकोशल और अन्य प्रदेशों में चल रही है जिस को अभूतपूर्व प्रतिसाद मिल रहा है। इसके बारे में जानकारी देते हुए श्री राजेंद्र प्रसाद ने बताया की समुचे प्रदेश में इस समय कुंभ का ही माहौल बना है। संपर्क करने निकले कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को कुंभ आने का निमं़ाण दे रहे है। अभी तक 25 लाख लाकेट और 45 लाख मां नर्मदा के चित्रा संदेश याखा के दौरान लोगों में वितरित किए जा चुके है। साथ ही 18 लाख स्टीकर्स भी बांटे गए है। महाकोशल क्षेत्रा में कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर कंुभ के लिए अनाज तथा धन संग्रह भी किया है जिसमें लोगांेने बडे उत्साह के साथ सहयोग दिया है।
कंुभ के निमित्त से मंडला क्षेत्रा का विकास भी तेजी से हो रहा है। नर्मदा पर एक नया अॅनीकट बना है और सडके चौडी तथा अच्छी बन रही है। विजली की नयी लाईने और पेयजल की पाईप लाईन बिछायी जा रही हैं जिसके कारण स्थानिक जनता खुश है। किसानों को उनकी भूमि का मुआवजा भी उचित रुप मे मिल गया है।
कंुभ को सफल बनाने हेतु राज्य सरकार का भी समाज के साथ-साथ पूरा सहयोग मिल रहा है। कुंभ के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं जुटाने में प्रशासन लगा हुआ है। स्वयं मुख्यमंत्राी श्री शिवराज सिंग जी ने मंत्राी और अधिकारियों की बैठक लेकर कुंभ से संबंधित सभी कामों को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए है। कंुभ के कार्यकर्ता रेलवे के डिआरएम से भी मिले और यात्राीयो को यातायात की सुविधाएं दिलाने का अनुरोध किया।
कुंभ के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से सामग्री जुटायी जा रही है। छत्तीसगढ से चावल, दाल, असम से चायपत्ती, महाराष्ट्र से चीनी, उत्तर प्रदेश से आलू, मालवा से मिरची तथा दलिया आदी सामग्री कुंभ के लिए एकत्रित करने का कार्य जोर से शुरु हो चुका है तथा कुछ ही दिनों मे यह सामग्री मंडला पंहूच जाएगी ऐसी जानकारी श्री प्रसाद ने दी।
मध्य प्रदेश में पहली बार आयोजित होने वाला यह ऐतिहासिक महाकुंभ जनजाति क्षेत्रा का धार्मिक, ऐतिहासिक, सामाजिक एवं जनजाति गौरव से संबंधित इस दशक का सबसेक बडा और विशाल आयोजन सिद्ध होगा।

Monday, January 17, 2011

राष्ट्र की एकता के लिये मां नर्मदा सामाजिक कुंभ

सौरभ मालवीय

गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा क्षिप्रा, गोदावरी, कावेरी जैसी पवित्र नदियों के किनारे ही सम्पूर्ण विश्व को अपने ज्ञान से आलोकित करने वाली सनातन संस्कृति ने जन्म लिया। इन नदियों के तटों पर ही आयोजित होने वाले कुम्भों में देश के कोने-कोने से संत व प्रबुद्धजन एकत्र होकर काल, परिस्थिति का समग्र विश्लेषण करने के साथ समाज का मार्गदर्शन करते हैं।
आज देश के सामने अनेक संकट खड़े हो गए हैं। आतंकवाद, अलगाववाद चरम सीमा पर है। विधर्मी मतान्तरण का कुचक्र चला रहे हैं। समाज को अपनी आस्थाओं के प्रति दृढ़ बनाना आज की आवश्यकता है। समाज में समरसता निर्माण हो तभी संपूर्ण राष्ट्र की एकता संभव है। इन सभी विषयों को ध्यान में रखकर मां नर्मदा के पावन तट पर मां नर्मदा सामाजिक कुंभ 10 से 12 फरवरी 2011 माघ शुल्क सप्तमी, अष्टमी एवं नवमीं को संपन्न होगा।
विस्तार क्षेत्र
इस कुंभ में मध्यभारत, महाकोशल, मालवा, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, काशी, गुजरात, विदर्भ, आंध्रप्रदेश, बिहार, राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश आदि प्रांतों से 20 से 30 लाख के बीच लोगों के आने की संभावना है। कुंभ के लिए जनजागरण करने हेतु दिसंबर मास से गांव-गांव में नर्मदा गाथा सुनाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस जागरण कार्यक्रम में मंडला का महत्व, मां नर्मदा की महिमा, रानी दुर्गावती की बलिदान की गाथा, गोड वंश का गौरवशाली इतिहास आदि बताया जा रहा है। इस सामाजिक कुंभ में देश के प्रख्यात संत महात्मा और महापुरूषों का सान्निध्य मिलेगा वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं स्वयंसेवक विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
प्रमुख उपस्थिति
इस धार्मिक आयोजन में मुख्य रूप से रा. स्व. संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत, सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी, निवर्तमान सरसंघचालक श्री कुप्प. सी. सुदर्शन, सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी, श्री दत्ता होसबोले, श्री गोविंदगिरी महाराज (आचार्य किशोर जी व्यास), जगद्गुरू बदरीपीठ श्री वासुदेवानंद सरस्वती, पूज्य दीदी मां ऋतंभरा जी, भारतमाता मंदिर के संस्थापक स्वामी सत्यमित्रानंद जी, आचार्य महामंडलेश्वर श्यामदासजी महाराज-जबलपुर, म.म. सुखदेवानंदजी- अमरकंटक, जगद्गुरू राजराजसेवाश्रम- हरिद्वार रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवानंद, साध्वी निरंजनज्योति – कानपुर, बाल्मीकि संत श्री मानदासजी – हरिद्वार, युगपुरूष म.म. स्वामी परमांद गिरी- हरिद्वार, स्वामी गिरीशानंद – जबलपुर म.म. मैत्रेयगिरीजी महाराज – मंगलोर, ऐश्वर्यानंद सरस्वती- इंदौर, रामहृदयदास- चित्रकूट, योगी आदित्यनाथ- गोरखपुर म.म. शान्तिस्वरूपानंद गिरी उज्जैन, शंभूनाथ महाराज गुजरात, दशनामी पचायती महानिर्मोही अखाड़ा के प्रमुख महामंडलेश्वर आचार्य सुखदेवानंद जी- अमरकंटक सहित अनेक संत उपस्थित रहेंगे।
कुंभ के तीन उद्देश्य रहेंगे
धर्म का दृढ़ीकरण, विकास के साथ सामाजिक समरसता और राष्ट्र की एकता और अखंडता इनके बारे में अलख जगाना। जनजागृति के लिए 30 लाख मां नर्मदा चित्र घर-घर स्थापित किए जाएंगे तथा पांच लाख स्टीकर्स कुंभ मं सहभागी लोगों के लिए प्रवेशिका रहेंगी। कुल 8 लाख प्रवेशिका छपेगी जिसमें 4 लाख मप्र को, 2 लाख छत्तीसगढ़ को, विदर्भ आंध्रप्रदेश, गुजरात आदि को मिलाकर 1 लाख प्रवेशिका बटेंगी।
गांव-गांव में प्रचार के लिए 20 हजार सीडी एवं कैसेट बने हैं, उसमें से 10 हजार कैसेट का वितरण हो चुका है, डॉक्युमेंटरी फिल्म चल रही है।
संगठन रचना
प्रत्येक ब्लॉक, तालुका तथा जिला स्तर पर कुंभ आयोजन समिति का गठन किया गया है, केन्द्रीय कुंभ आयोजन समारोह समिति उसके पश्चात् प्रांत, जिला तालुका ब्लॉक तथा गांव स्तर पर कुंभ समारोह समिति का गठन हुआ है जो सभी को साथ लेकर चल सकता है ऐसे व्यक्ति को समिति का संयोजक तथा उसका साथ देने वाले को सह-संयोजक बनाया गया है। ब्लॉक स्तर पर कोष प्रमुख, प्रचार, प्रमुख सामग्री संग्रह प्रमुख यातायात प्रमुख, संस्कृति प्रशासन संपर्क जाति बिरादरी प्रमुख, महिला प्रमुख, युवा प्रमुख, परावर्तन प्रमुख गांव स्तर पर 11 लोगों की समिति जिसमें संघ के विभिन्न संगठनों के सदस्य रहेंगे। इस समिति में अधिकतम सदस्यों की संख्या 11 से 21 तक रहेगी।
कुंभ की तैयारी
संपूर्ण कुंभ क्षेत्र को मंडला महारानी दुर्गावती का नाम दिया है। चार भव्य प्रवेशद्वार रहेंगे। तीन बड़े मंडप-स्वामी लक्ष्मणानंदजी के नाम पर, महिलाओं के लिए रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर और युवाओं के लिए हनुमानजी क नाम पर बनाए जाएंगे। स्वामी लक्ष्मणानंद कहते थे कि ईसाई मिशनरी हमें मार डालेंगे क्योंकि हम अपने हिंदुओं को जगाने का काम करते हैं। मेरे मरने के बाद भी हिन्दुत्व का बचाव कार्य जारी रहेगा। रानी लक्ष्मीबाई ने विदेशी आक्रमणकारियों के साथ लड़कर उनको उखाड़ फेंकने का संदेश दिया। हनुमानजी हर समस्या से मार्ग निकालने, धैर्य साहस तथा ज्ञान से काम करने का संदेश देते हैं। मंडला के समीप महारजपुर के पास कुल 3500 एकड़ जमीन क्षेत्र पर कुल 45 नगर बनेंगे। प्रत्येक नगर में 5 हजार लोगों के रहने, भोजन आदि की व्यवस्था रहेगी।
भोजन विभाग
स्नान के लिए नर्मदा पर घाट बनाए गए हैं। हर स्नान घाट पर गोताखोरों की व्यवस्था, महिलाओं के कपड़े बदलने की व्यवस्था की गई है। भोजनालयों में 2 से 3 लाख लोगों का भोजन बनेगा। भोजन बनाने के लिए गुजरात से 1400 तथा वितरण करने हेतु 600 से 2 हजार लोग आएंगे तथा भोजन पंक्ति में परोसा जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग
संपूर्ण कुंभ क्षेत्र में 20 बेड का सुसज्जित आकस्मिक सेवा से परिपूर्ण आईसीयू एम्बुलेंस आदि की सुविधाओं के साथ अस्पताल रहेगा।
एक मध्यवर्ती भंडार होगा तथा सुरक्षा की दृष्टि से एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष रहेगा। साथ ही तीन उपनियंत्रण कक्ष होंगे। सुरक्षा के लिए 3 से 5 हजार पुलिसकर्मी भी कुंभ स्थल पर रहने वाले हैं।
प्रदर्शनी
सारे कुभ में 10 प्रदर्शनियां लगने वाली हैं। उनके विषय-रानी दुर्गावती, पर्यावरण एवं मां नर्मदा, सीख, गुरूपुत्रों की बलिदान गाथा, राष्ट्रीय एकता विधर्मियों के कुटिल हथकंडे विश्वमंगल गौमाता, जलसंरक्षण, सामाजिक सुरक्षा, महाराणा प्रताप, अयोध्या राममंदिर इत्यादि।
व्यवस्था विभाग
कुंभ की संपूर्ण व्यवस्था निर्बाध रूप से चले इस हेतु 10 विभागों की रचना की गई है। ये विभाग हैं-विश्वकर्मा (निर्माण), वरूण (जल, ध्वनि तथा विद्युत) नारद (प्रचार और प्रसार), हनुमान (सुरक्षा एवं चिकित्सा), अन्नपूर्ण (भोजन), साधन संग्रह, केशव (सभी संघ के वरिष्ठ अधिकारी, वीआईपी तथा वीवीआईपी व्यवस्था) प्रचार धर्मजागरण, गरूड़ विभाग (यातायात)। एक हैलिपैड बनाया गया है तथा तीन प्रमुख वाहन पार्किंग स्थल रहेंगे, जहां 1 हजार बड़े तथा 1 हजार छोटे वाहन पार्क किए जा सकेंगे। इसके अलावा प्रत्येक नगर में पार्किंग की व्यवस्था रहेगी।
कार्यक्रम विशेष
3 फरवरी से 9 फरवरी तक कुंभ स्थान पर श्री अतुल कृष्ण जी भारद्वाज के श्रीमुख से श्री राम कथा प्रारंभ होगी, पूज्य कन्हैयालालजी महाराज के संचालन में वृंदावन के श्री भुवनेश्वर महाराज रासलीला रात्रि 7.30 से, प्रदर्शनी का उद्धाटन 8 फरवरी को होगा।
9 फरवरी को देशभर के वंशावली लेखकों का सम्मेलन, 10 फरवरी को कुंभ का विधिवत उद्धाटन होगा। तीन दिन चलने वाले इस कुंभ में धर्म सभा, युवा सम्मेलन, संत सम्मेलन, महिला सम्मेलन, मां नर्मदा की आरती और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। प्रस्ताव तथा उद्धोषणा पत्र भी अंतिम दिन जारी रहेगा। कुंभ के उद्धाटन पर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।
कुंभ के लिए सामग्री
महाराष्ट्र से चीनी, मुंबई 50 लाख लॉकेट बनाकर दिए हैं। जबलपुर से 6 लाख परिवारों से प्रति रविवार 1 किलो चावल और आधा किलो दाल का संग्रह होगा। महाकौशल से 20 लाख परिवारों से संपर्क होगा। 1 किलो चावल, आधा किलो दाल और एक रूपया घर-घर से किया जाएगा। छत्तीसगढ़ से चावल तथा दाल और ब्रज प्रांत से 15 ट्रक आलू प्राप्त होंगे। भोजन बनाने और वितरण में गुजरात से दो हजार लोग आएंगे। प्रचार साहित्य बनाने में छत्तीसगढ़ की सराहनीय भूमिका रही जिसके तहत 30 हजार सीडीज और 20 लाख पत्रक युगबोध प्रकाशन, रायपुर से प्राप्त हुई है। मध्यप्रदेश सरकार ने मंडला को पवित्र नगरी घोषित करते हुए यहां के विकास के लिए विशेष बजट देकर सहयोग दिया है।

Sunday, January 16, 2011

नर्मदा महाकुंभ में जुटेंगे तीस लाख श्रद्धालु





देश में पहली बार मंडला स्थित नर्मदा के तट पर मां नर्मदा सामाजिक कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इस महाकुंभ में पांच हजार साधु-संत था तीस लाख श्रद्धालु भाग लेने आएंगे।
मां नर्मदा सामाजिक कुंभ आयोजन समिति के महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के आधार पर देश में चार तीर्थों हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में महाकुंभ आयोजित होते हैं। देश की एकता- अखंडता और मजबूत हो, धार्मिक संस्कारों में दृढ़ता आए, इसी उद्देश्य को लेकर पहली बार मण्डला में नर्मदा नदी के तट पर मां नर्मदा सामाजिक कुंभ का आयोजन 10 से 12 फरवरी तक किया जाएगा। इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं।

प्रदेश सरकार में इस भव्य आयोजन में सहयोग करते हुए ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को व्यवस्थाओं की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक, तहसील तथा जिला स्तर पर कुंभ आयोजन समिति का गठन किया गया है। केन्द्रीय कुंभ आयोजन समारोह समिति उसके पश्चात प्रांत, जिला , तहसील, ब्लॉक तथा गांव स्तर पर कुंभ समारोह समिति का गठन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्नान के लिए नर्मदा पर घाट घाट बनाए गए हैं। हर स्नान घाट पर गोताखोरों की व्यवस्था की गई है। भोजनालयों में दो से तीन लाख लोगों का भोजन बनेगा।

नर्मदा सामाजिक कुम्भ की तैयारियां जोरो पर








माँ नर्मदा सामाजिक कुम्भ नर्मदा जयंती पर १०-११ एवं १२ फरवरी २०११ को मण्डला में आयोजित होगा। इस महाकुम्भ में लगभग २० लाख भिन्न-भिन्न प्रदेशों से  श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। कुम्भ आयोजन का उद्देश्य धार्मिक महत्व नर्मदा तीर्थ बनाने के साथ सामाजिक समरस्ता, राष्ट्रीय एकता एवं आदिवासी संस्कृति को समझने एवं उनकी मूल समस्याओं के प्रति समाज को जागृत करने का उद्देश्य है। मण्डला का धार्मिक ऐतिहासिक महत्व होने के कारण नर्मदा महाकुम्भ के लिए  इस स्थल का चयन किया गया है। मण्डला ही ऐसा स्थान रहा है जहां आदिवासी शासकों ने वीरता पूर्व शासन किया है, मुगलों की गुलामी से यह क्षेत्र  हमेशा आजाद रहा है। मण्डला विद्वानों की भूमि भी है, यहां मण्डन मिश्र जैसे विद्वान रहें हैं जिनसे शास्त्राद्र्ध के लिए आदि शंकराचार्य भी यहां पहुंचे थे, माँ नर्मदा का धार्मिक पुराणिक महत्व है जिसके दर्शन मात्र से स्मरण मात्र से पापों का क्षय होता है। इन्ही सारे कारणों के कारण माँ नर्मदा सामाजिक कुम्भ का आयोजन मण्डला में किया गया है। इस कुम्भ में सम्पूर्ण भारत से  लाखों श्रद्धालु जाति, वर्ग, वर्ण के भेद भुलाकर सम्मलित होंगे सुदूर वनों में रहने वाली जनजातियों की लोक कला, लोक नृत्यों व कर्ण प्रिय मधुर संगीत का आनंद इस कुम्भ के दौरान प्राप्त होगा। कुम्भ आने आने वाले श्रद्धालुओ को माँ नर्मदा का आशीष प्राप्त होने के साथ ही सामाज की एकता और राष्ट्रभक्ति की अनुभूति भी प्राप्त होगी । कुम्भ स्थल में जन जातियों से संबंधित उपयोगी जानकारी प्रदर्शनियों के माध्यम से प्रदान की जायेगी। आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आयोजन समिति व्यापक व्यवस्थाओं में जुट गई है। लगभग ५० नगरों का निर्माण कुम्भ के लिए किया जाना सुनिश्चित हुआ है,  जिसमें पेय जल, दूरभाष, सुरक्षा, मनोरंजन, चिकित्सा, पार्किंग आदि व्यवस्थाएं रहेंगी। अलग-अलग प्रांतों के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में नगरों का निर्माण किया जा रहा है। पहली बार आयोजित होने वाला महाकुंभ प्रदेश का ऐतिहासिक आदिवासी क्षेत्र का धार्मिक , ऐतिहासिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं आदिवासी गौरव से संबंधित विशाल और बड़ा आयोजन होगा