Sunday, January 16, 2011

नर्मदा सामाजिक कुम्भ की तैयारियां जोरो पर








माँ नर्मदा सामाजिक कुम्भ नर्मदा जयंती पर १०-११ एवं १२ फरवरी २०११ को मण्डला में आयोजित होगा। इस महाकुम्भ में लगभग २० लाख भिन्न-भिन्न प्रदेशों से  श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। कुम्भ आयोजन का उद्देश्य धार्मिक महत्व नर्मदा तीर्थ बनाने के साथ सामाजिक समरस्ता, राष्ट्रीय एकता एवं आदिवासी संस्कृति को समझने एवं उनकी मूल समस्याओं के प्रति समाज को जागृत करने का उद्देश्य है। मण्डला का धार्मिक ऐतिहासिक महत्व होने के कारण नर्मदा महाकुम्भ के लिए  इस स्थल का चयन किया गया है। मण्डला ही ऐसा स्थान रहा है जहां आदिवासी शासकों ने वीरता पूर्व शासन किया है, मुगलों की गुलामी से यह क्षेत्र  हमेशा आजाद रहा है। मण्डला विद्वानों की भूमि भी है, यहां मण्डन मिश्र जैसे विद्वान रहें हैं जिनसे शास्त्राद्र्ध के लिए आदि शंकराचार्य भी यहां पहुंचे थे, माँ नर्मदा का धार्मिक पुराणिक महत्व है जिसके दर्शन मात्र से स्मरण मात्र से पापों का क्षय होता है। इन्ही सारे कारणों के कारण माँ नर्मदा सामाजिक कुम्भ का आयोजन मण्डला में किया गया है। इस कुम्भ में सम्पूर्ण भारत से  लाखों श्रद्धालु जाति, वर्ग, वर्ण के भेद भुलाकर सम्मलित होंगे सुदूर वनों में रहने वाली जनजातियों की लोक कला, लोक नृत्यों व कर्ण प्रिय मधुर संगीत का आनंद इस कुम्भ के दौरान प्राप्त होगा। कुम्भ आने आने वाले श्रद्धालुओ को माँ नर्मदा का आशीष प्राप्त होने के साथ ही सामाज की एकता और राष्ट्रभक्ति की अनुभूति भी प्राप्त होगी । कुम्भ स्थल में जन जातियों से संबंधित उपयोगी जानकारी प्रदर्शनियों के माध्यम से प्रदान की जायेगी। आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आयोजन समिति व्यापक व्यवस्थाओं में जुट गई है। लगभग ५० नगरों का निर्माण कुम्भ के लिए किया जाना सुनिश्चित हुआ है,  जिसमें पेय जल, दूरभाष, सुरक्षा, मनोरंजन, चिकित्सा, पार्किंग आदि व्यवस्थाएं रहेंगी। अलग-अलग प्रांतों के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में नगरों का निर्माण किया जा रहा है। पहली बार आयोजित होने वाला महाकुंभ प्रदेश का ऐतिहासिक आदिवासी क्षेत्र का धार्मिक , ऐतिहासिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं आदिवासी गौरव से संबंधित विशाल और बड़ा आयोजन होगा

1 comment: